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अप्पमाद वग्ग (अप्पमादवग्गो): धम्मपद :- 21. अप्पमादो अमतपदं, पमादो मच्चुनो पदं अप्पमत्ता न मीयन्ति, ये पमत्ता यथा मता। (प्रमाद न करना अमृत (निर्वाण) का पद है और प्रमाद मृत्यु का ...